Saturday, 9 February 2019

Statue of Unity- part-1-Nilkanthdham Swaminarayan temple (Gujrat)

World Tallest statue in India....Statue of Unity
Statue of Unity 

       Hi everyone .......  आज में इस ब्लॉग में Statue of Unity के बारे में लिखने वाली हू |इस बार हमने Statue of Unity देखने का प्लान बनाया था|सरदार वल्लभभाई पटेल के सम्मान में बनाई गई  दुनिया की सबसे ऊची प्रतिमा हमारे भारत मे स्थापित की गयी है |
      हम क्रिसमस की छुट्टियों में Statue of Unity देखने गए थे|ब्लॉग लिखने में कुछ कारन वश थोड़ा विलम्ब हो गया |

Nilkanthdham swaminarayan temple

       Statue of Unity यह गुजरात के नर्मदा जिल्ले के सरदार सरोवर बांध के पास साधु बेट टापू पर स्थापित की गयी हैं|
       इंदौर से Statue of Unity (गुजरात) की दूरी 310.9km है |हम 25 दिसंबर को सुबह 6 बजे अपनी फोर-व्हीलर डस्टर से इंदौर से निकले|हम 2 दिन के लिए जाने वाले थे तो पहले ही दिन अपनी पैकइंग कर ली थी |दुनिया की  सबसे ऊची प्रतिमा देखने के लिये हम ओर बच्चे बहुत ज्यादा exited थे |इंदौर से Statue of Unity जाने के लिए हमें 6-7 घंटे लगे |हम करीब 1-1.30 बजे वहा पहुचें।

     Statue of Unity के लिए जाते हुए रास्ते मे नर्मदा नदी कैनाल का बहुत बड़ा कैनाल है । कैनाल के दोनों बाजूसे गाड़ीओको आने जाने के लिए रास्ता बना हुआ है।
Main channel of Narmada river
Main canal of Narmada river

Main channel of Narmada river
Main canal of Narmada river

Nilkanthdham swaminarayan temple

          उस दिन क्रिसमस हॉलिडे होने के कारन वहा बहुत ज्यादा मात्रा मे लोग Statue of Unity देखने के लिए आए थे |Statue देखने के लिये टिकिट लेनी होती है, टिकिट काउंटर पे बहुत ज्यादा लंबी लाइन लगी थी |हम वहा टिकिट लेने के लिए लाइन में लगे तो पता चला कि ज्यादा लोग होने के कारन टिकिट मिलना बंद हो गया था, तो हमने दूसरे दिन की सुबह 9. 30 बजे की टिकिट ले ली |Statue देखने के लिए हम सब अधीर हो रहे थे पर हमे ओर इन्तज़ार करना था।
Ticket counter near Statue of Unity
Statue of Unity ticket counter

Statue of Unity देखने के लिए लगी लम्बी लाइन
Statue of Unity देखने के लिए लगी लम्बी लाइन 
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           Statue of Unity .... Ticket prize
      Statue of Unity की टिकिट 2 तरह की है |एक गैलेरी देखने की टिकिट ओर एक बिना गैलेरी वाली टिकिट |गैलेरी वाली टिकिट मे valley ऑफ फ्लावर, म्यूज़ियम एंड audio विजुअल गैलेरी, सरदार सरोवर डेम ओर अंदर से गैलेरी देख सकते हैं ।     
 टिकिट प्राइज 
  •  Children - 3 से 15 साल के लिए Rs. 200
  • Adult- Rs. 350

और टिकिट काउन्टर से Statue तक बस ले जाती है, तो उसके अलग से 30 रुपये लगते है |
        बिना गैलेरी वाली टिकिट  में valley ऑफ फ्लावर, म्यूज़ियम एंड audio विजुअल गैलेरी, सरदार सरोवर डेम देख सकते है |

  • Children-Rs.60
  • Adult - Rs. 120

     इस तरह हमे 350 रुपए वाली टिकिट ली थी |फिर हमने वही पास में रहन के लिए होटल बूक किया |Statue of Unity के पास में ठहरने के लिए बहुत सारे होटेल है |फिर हम होटल में गए ओर वहां खाना खाके 5 बजे तक रूम मे आराम किया |

     Statue of Unity देखने का आनंद दिन के उजाले में ही नहीं बल्कि शाम के अंधेरे मे भी लिया जा सके इसीलिए यहां लेजर लाइट शो की व्यवस्था की गई है |

Nilkanthdham Swaminarayan temple view
Nilkanthdham Swaminarayan temple 

Nilkanthdham swaminarayan temple

   शाम को जब हम घूमने निकले तो हमे पता चला कि यहा 30 km की दूरी पर पोइचा करके एक जगह है वहां नीलकंठधाम स्वामी नारायण मंदिर है, तो हम ओ देखने निकल पड़े |
      हम मंदिर की ओर जाते समय सड़क के दोनो ओर छोटे छोटे केले के चिप्स की बहुत सारे दुकानें थी| दुकान में बड़ी कढाईओमे केले के चिप्स तल रहे थे। हमने भी कुछ केलेके चिप्स ओर केलेके नमकीन खरीदे। 


Nilkanthdham swaminarayan temple

Nilkanthdham Swaminarayan temple water fountain
Nilkanthdham Swaminarayan temple 

      हम आधे घंटे में नीलकंठधाम स्वामीनारायण मंदिर पहुचे, शाम के वक्त का ओ मंदिर का अद्भूत नजारा देखकर हम स्तब्ध रह गए। मंदिर रंगबिरंगी रोशनीसे जगमगा रहा था ।मंदिर का ओ भव्य दिव्य रूप देखते ही बन रहा था। 
Beautiful view of Nilkanthdham Swaminarayan temple
Nilkanthdham Swaminarayan temple 

        नीलकंठधाम स्वामीनारायण मंदिर 105 एकड़ मे फैला हुआ है। इस मंदिर की रचना  अती भव्‍य है। इंजिनियरिंग  की कौशल कला से परिपूर्ण इस मंदिर में 108 गोमुख है। यह भारतीय संस्कृति को प्रदर्शित करता है । 152 फीट की स्वामीनारायण भगवान की प्रतिमा का विशेष आकर्षण है ।बच्चों के खेलने के लिए आकर्षक मैदान, हरियाली पहाड़, सुंदर सरोवर के बीच नीलकंठ महाराज का मंदिर, नैचुरल पार्क,,कलाकृति से भरे वाटर शो, लेसर शो, एक्वेरियम, एमउइस्मेंट पार्क ओर बहुत कुछ है यहा। यहा एक दिन भी कम पड़ जाएगा इतना बड़ा पिकनिक स्पॉट है। 
Nilkanth mahadev in swaminarayan temple
Nilkanth mahadev 

 हम तो पूरा नहीं देख पाए, उसका हमे खेद तो रहेगा पर जो भी देखा ओ अद्भुत था। 

 Front Dwar of Nilkanthdham Swaminarayan temple view
Front Dwar of Nilkanthdham Swaminarayan temple 


Nilkanthdham swaminarayan temple

     हम मंदिर से 10 बजे वापस आये, रास्तेमे हमने एक रेस्टोरेंट मे कठियावाड़ी थाली खायी ओर अपने होटल मे आके सो गए । हमे मंदिर से आने मे ज्यादा देर हो गयी तो इस वजह से हम Statue of Unity का लेजर शो नहीं देख पाए। 
  Nilkanthdham swaminarayan mandirview
Nilkanthdham swaminarayan mandir

  Nilkanthdham swaminarayan temple gate
Nilkanthdham swaminarayan temple gate


Nilkanthdham swaminarayan temple
Nilkanthdham swaminarayan temple 


Nilkanthdham swaminarayan temple
Nilkanthdham swaminarayan temple


 Beautiful Swaminarayan temple
Swaminarayan mandir 


Swaminarayan temple side view
Mandir side view


Swaminarayan temple
Swaminarayan temple 


Beautiful elephant statue in swaminarayan temple
Beautiful elephant statue in temple


    इस तरह हमारा पहला दिन बहुत ही अच्छा था ।....... Statue of Unity के बारे मे में अगले ब्लॉग part-2 मे लिखूँगी। 
      आपको यह ब्लॉग पोस्ट अच्छा लगे तो comment or share करे ...... धन्यवाद.
    
   




Tuesday, 23 October 2018

Omkareshwar Jyotirling

श्री ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर दर्शन
श्री ओमकारेश्वर ज्योतिर्लिंग 

                     

  नमस्ते...... आज मैं ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग टूर के बारे में बताऊंगी।
 
          इस दशहरे के मौके पर हम ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए गए थे। इंदौर से ओम्कारेश्वर नजदीक है, तो हम एक दिन में ओम्कारेश्वर के दर्शन करके रात तक लौट आए थे।

        हमारे भारत देश में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग है उसमें से मध्य प्रदेश में 2 ज्योतिर्लिंग है, उज्जैन और ओम्कारेश्वर।ओम्कारेश्वर यह मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में स्थित है।इंदौर से ओमकारेश्वर 80km. की दूरी पर है। ओमकारेश्वर में दो मंदिर स्थित है।

  •    ओमकारेश्वर
  •    अमलेश्वर

Omkareshwar Jyotirling tour

      दशहरे के दिन में और मेरी फैमिली हम सुबह जल्दी उठकर तैयार होकर, घर की पूजा-पाठ करके 10 बजे
घर से निकले।12.30 बजे हम ओम्कारेश्वर पहुंचे।

Sri omkareshwara Temple scenery

   
      ओम्कारेश्वर बहुत ही सुन्दर जगह है। यहां नर्मदा नदी बहती है। ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर यह नर्मदा नदी के बीच में एक मधान्ता नामक छोटी पहाड़ी पर स्थित है। यह पहाड़ी हिंदुओं के पवित्र चिन्ह  ॐ के आकार की बनी है।

    नर्मदा नदी के किनारे विष्णुपुरी नामक गांव है। यहां पहुंचने के बाद हमने कार पार्किंग में लगाई और मंदिर की ओर चल पड़े। ओमकारेश्वर मंदिर जाने के लिए दो रास्ते हैं एक बोट से मंदिर तक जा सकते हैं, यहां से मधान्ता टापू तक पहुंचा जा सकता है, फिर वहां से मंदिर तक सीढीयो से जाना होता है, और दूसरा मार्ग ऋषिकेश के लक्ष्मण झूला की तर्ज पर यहां पूल बना हुआ है, इससे पैदल जा सकते है,यह रास्ता कुछ लंबा है लगभग 3 किलोमीटर पड़ता है।

Sri omkareshwara Temple and Narmada nadi

 

Omkareshwar Jyotirling tour

   हम बोट के रास्ते से मंधान्ता पहाड़ी तक गए। ओमकारेश्वर का प्राकृतिक सौंदर्य अप्रतीम है। नर्मदा नदी में बोटींग करते समय हम पहांडी और नदी के प्राकृतिक सौंदर्य का लुफ्त उठा सकते हैं। नर्मदा जी के उस ओर उतरने के बाद वहां पक्का घाट बना हुआ है, यही से यात्री नर्मदा स्नान करके सीढीओं से ऊपर चढ़कर मंदिर दर्शन के लिए जाते हैं। मंदिर यहां से कुछ ऊंचाई पर है। यहां नर्मदा नदी का स्नान करने की विशेष परंपरा है। हम लोग घर से ही स्नान करके निकले थे तो हम दर्शन के लिए  सीढीओं से ऊपर गए।  सीढीओं से ऊपर की ओर जाते वक्त बहुत सारे छोटे-छोटे अनेक देवी-देवताओं के मंदिर दिखाई देते है। 

Shri Omkareshwar Mandir front view
श्री ओमकारेश्वर मंदिर

Omkareshwar Jyotirling tour

                
           ओंकारेश्वर मंदिर चार मंजिला है। इसके हर एक मंजिल पर अलग-अलग देवता विराजमान है। जिस द्वार से हम मंदिर में प्रवेश करते हैं वह द्वार छोटा है, ऐसा लगता है मानो हम गुफा में जा रहे हो। पहली मंजिल पर ओमकारेश्वर  के दर्शन होते हैं।श्री ओमकारेश्वर लिंग अनगढ़ है। यह लिंग मंदिर के ठीक शिखर के नीचे न हो कर एक और हटकर है। लिंग के चारों ओर जल भरा रहता है। पास में ही पार्वती जी की मूर्ति है। श्री ओम्कारेश्वर लिंग के दर्शन के बाद हम दूसरे मंजिल पर गए, वहां महाकालेश्वर के दर्शन किए महाकालेश्वर शिखर के ठीक नीचे विराजमान है। तीसरी मंजिल पर सिद्धनाथ लिंग है। चौथे मंजिल पर गुक्तेश्वर लिंग और ध्वजेश्वर लिंग है। ओमकारेश्वर की परिक्रमा करते हुए श्री रामेश्वरम और गौरी-सोमनाथ के दर्शन होते है। इस प्रकार हमारे ओंकारेश्वर के दर्शन बहुत अच्छे से हुए।हम फिर से बोट के पास आए, बोट से हमने माधान्ता पहाड़ी की परीक्रमा की। यहां पैदल भी परिक्रमा कर सकते हैं यह रास्ता 7 km.का है। परिक्रमा करते वक्त कावेरी-नर्मदा नदी संगम के दर्शन कर सकते हैं।


Beautiful scenery of Omkareshwar

Omkareshwar Jyotirling tour

    श्री ओमकारेश्वर दर्शन के बाद हम अमलेश्वर के दर्शन के लिए गए। अमलेश्वर भी एक ज्योतिर्लिंग है।अमलेश्वर को ही ममलेश्वर कहा जाता है। यह मंदिर नर्मदा नदी के दक्षिण तट पर विष्णुपुरी में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण महारानी अहिल्याबाई होलकर ने करवाया है। यहां यात्री ओंकारेश्वर के दर्शन करके फिर ममलेश्वर के दर्शन करने आते हैं,ऐसा नियम यहां के लोग मानते हैं।ममलेश्वर मंदिर प्राचीन वस्तु कला और शिल्पकला का अद्भुत नमूना है। तो इस तरह हमारे ओमकारेश्वर और अमलेश्वर के दर्शन हुए।

     हम ओमकारेश्वर से घर रात 12:00 बजे पहुंचे इस तरह हमारा ओंकारेश्वर का आध्यात्मिक टूर संपन्न हुआ।

   
Sri mamleshwar Mandir with my family

 ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग के बारे में

    ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग यह भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महत्वपूर्ण ज्योतिर्लिंग है।यह शिव जी का चौथा प्रमुख ज्योतिर्लिंग कहलाता है। लोगों की मान्यता है कि भगवान शिव तीनों लोकों का भ्रमण करके यहां आकर विश्राम करते हैं, तभी रात्रि में यहां भगवान शिवजी की शयन आरती की जाती हैं। यहां भक्तगण दूर दूर से भारी संख्या में आते हैं।



Boating in Narmada nadi

Omkareshwar Jyotirling tour


ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग कथा

    यह कहा जाता है कि राजा मंधान्ता ने यहा नर्मदा नदी के किनारे घोर तपस्या कर भगवान शिव जी को प्रसन्न किया और भगवान शिव जी के प्रकट होने पर उनको यहीं निवास करने का वरदान मांग लिया। तभी से भगवान शिव इस प्रसिद्ध तीर्थ नगरी में निवास करने लगे। इसीलिए इसे ओंकार -माधान्ता के रूप में पुकारा जाने लगा। कहा जाता है कि यहां 68‌ तीर्थ है। यहां 33 करोड़ देवी देवता अपने परिवार सहित यहां निवास करते हैं।
 

ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर का इतिहास

      इस मंदिर में शिव भक्त कुबेर ने तपस्या की थी तथा शिवलिंग की स्थापना की थी। जिसे शिवजी ने देवताओं का धनपति बनाया था। शिव जी ने कुबेर के स्नान के लिए अपनी जटा के बाल से कावेरी नदी उत्पन्न की थी। यह नदी कुबेर मंदिर के बाजू से बहकर नर्मदा नदी मे मिलती है। कावेरी नदी ओमकार पर्वत का चक्कर लगाकर वापस नर्मदा नदी मे मिलती है इसे ही नर्मदा कावेरी संगम कहते हैं।


Omkareshwar Ganesh Mandir darshan

Omkareshwar Jyotirling tour


  ओमकारेश्वर कैसे पहुंचे

वायु मार्ग-ओमकारेश्वर के सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा इंदौर है। यह पूरे भारत से जुड़ा हुआ है।


रेल मार्ग-सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन12 kmकी दूरी पर मोरटक्का यहां पर है।यह खंडवा-रतलाम रेल मार्ग पर है।


सड़क मार्ग- ओमकारेश्वर सड़क मार्ग द्वारा इंदौर खंडवा उज्जैन से जुड़ा हुआ है। सड़कें डबल और व्यवस्थित है। सड़कसड़क मार्ग से भी आराम से पहुंचापहुंचा जा सकता है।


ओमकारेश्वर जाने का उत्तम मोसम

ओमकारेश्वर का जुलाई से मार्च तक मोसम अच्छा रहता है। इस मौसम में हम ओमकारेश्वर के प्राकृतिक सौंदर्य का लुप्त उठा सकते हैं। अप्रैल से जून तक मौसम काफी गर्म रहता है।

होटल और धर्मशाला
ओमकारेश्वर एक विकसित पर्यटन क्षेत्र है यहां बहुत सारे होटलस् और धर्मशालाएं बनी हुई है यहां आप आराम से रुक सकते हैं।


Shri Omkareshwar temple beautiful scenery


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Wednesday, 3 October 2018

Maheshwar Fort Tour-Ahilyabai Holkar ki Nagari Part-2

Maheshwar Fort Tour-Ahilyabai Holkar ki Nagari

Part-2
World tourism day special

Maheshwar fort- अहिल्याबाई होल्कर की नगरी के पहले भाग में हमने महेश्वर किल्ले का वर्णन देखा। इस भाग मे में अपने आगे के महेश्वर टूर के बारे में बताऊंगी।

   आगे........ 
Statue of Ahilyabai holkar in Ahilya Fort
Statue of Ahilyabai Holkar

Maheshwar Fort Tour-Ahilyabai Holkar ki Nagari

     अहिल्याबाई होलकर(सन् 1725-1795)

अहिल्याबाई एक महान शासक और मालवा प्रांत की महारानी थी। लोग उन्हें राजमाता अहिल्याबाई होलकर के नाम से भी संबोधन देते हैं। उनका जन्म सन 1725 में हुआ। उनका विवाह सूबेदार मल्हारराव होलकर के पुत्र खंडेराव के साथ हुआ था, जब वह 10-12 साल की थी। 29 साल की आयु में ही विधवा हो गई। जब वह 42 43 साल की थी तब उनका पुत्र मालेराव का निधन हो गया। तब अहिल्याबाई मालवा प्रांत की शासक बन गई। रानी अहिल्याबाई ने अपनी राजधानी महेश्वर को बनाया। उन्होंने नर्मदा नदी के किनारे आठरावीं शताब्दी का बेहतरीन आलीशान महल बनवाया। इसे अहिल्या फोर्ट कहा जाता हैं। यहां राजधानी की पहचान बनी textile industry, यहां बनने वाली महेश्वरी साड़ी भारत भर में प्रसिद्ध है। उस दौरान महेश्वर साहित्य,संगीत,कला का गढ़ बन गया था। रानी अहिल्याबाई हर रोज अपनी प्रजा से बात करती थी। उन्होंने इंदौर को एक छोटे से गांव से समृद्ध और सजिव शहर बनाया। रानी अहिल्याबाई को एक बुद्धिमान  तीक्ष्न सोच और स्वस्फुर्त  शासक के तौर पर याद किया जाता है। उन्होंने कई मंदिरों का जीर्णोद्धार किया। हिमालय से लेकर दक्षिण भारत के कोने-कोने तक के मंदिरों का जीर्णोद्धार किया इस पर खूब पैसा खर्च किया। अहिल्याबाई ने गरीबों के लिए,विधवाओं की मदद करके समाज सेवा करती थी। अहिल्याबाई मातृत्व शक्ति का प्रतिक रही है।
     देवी अहिल्याबाई ने अपनी सारी कठिनाइयों पर विजय पाकर एक महान शासक बनी।


Beautiful scenery of Maheshwar Fort
Beautiful scenery of Maheshwar Fort

Beautiful pic Maheshwar Fort

Beautiful pic Maheshwar Fort

Black n white photo of Maheshwar Fort

Maheshwar Fort Tour-Ahilyabai Holkar ki Nagari

इस तरह हम अहिल्याबाई का राजवाड़ा देखने के बाद वापस सीढ़ियो से जाने लगे।

महेश्वरी साड़ी
     सीढ़ियां उतरते समय बाई ओर एक इमारत में हैंडलूम कारखाना है। इस कारखाने में महेश्वरी साड़ियां बनाई जाती है। जिसमें बहुत सारे कारागीर  काम करते हुए दिखाई देते हैं। अहिल्याबाई ने यहां वस्त्र निर्माण का कार्य चालू किया था तब से यह कार्य अविरत चालू है। यह हैंडलूम कारखाना शाम को6:00 बजे तक चालू रहता है।  यहां बहुत लोगों का रोजगार इस वस्त्र निर्माण उद्योग पर है। महेश्वरी साड़ियों की कारीगिरी बहुत ही सुंदर अप्रतिम होती है। आज भी यहां बनने वाली महेश्वरी साड़ियां व अन्य वस्त्र अपने प्राचीन स्वरूप में उसी पद्धति से निर्मित किए जाते हैं। महेश्वरी साड़ियां पूरे भारत देश में प्रसिद्ध है।
Maheshwar fort View

Maheshwar Fort Tour-Ahilyabai Holkar ki Nagari

    पुराना दौर चला गया, राज राजवाड़ा चले गए, सब कुछ बदल गया पर आज भी महेश्वर किल्ला अपने पूरी शान से नर्मदा नदी के किनारे खड़ा है, ना कोई किल्ले की टूट-फूट, ना कोई क्षति आज भी महेश्वर किल्ला नया दिखता है।

  हेरीटेज होटल

     इस किले के अंदर रॉयल हेरीटेज होटल बनाया गया है। अहिल्याबाई के वंशज इस होटल को चलाते हैं। होटल में 13 कमरे बने हैं और २ रॉयल सूट है जिस में प्राइवेट बालकनी बनी उसमें से नर्मदा नदी और महेश्वर  का सुंदर नजारा दिखता है। होटल के कमरे ऐसे बनाए गए हैं की नर्मदा नदी की खूबसूरती दिखाई देती है।

Narmada nadi in front of Maheshwar Fort
Narmada river
श्याम के समय नर्मदा नदी का सुंदर दृश्य
श्याम के समय नर्मदा नदी का सुंदर दृश्य


Maheshwar Fort Tour-Ahilyabai Holkar ki Nagari

    महेश्वर किल्ला देखने के बाद हम नर्मदा नदी के किनारे अहिल्या घाट पर आए। बच्चों को भूख लग गई थी, किल्लले के बाहर छोटी-छोटी दुकानें लगी थी,वहीं से हमने कुछ स्नैक्स लिए, कुछ स्नैक्स हमारे पास थे वही खाते हुए हम नदी में पैर डालकर थंडे-थंडे पानी का आनंद लें रहे थे। थंडे बहते पानी में पैर डालकर बैठना बहुत अच्छा और सुकून भरा एहसास था।

नर्मदा नदी मे कुछ पल सुकून भरे

नर्मदा नदी के पानी में मछलियां


नदी में बहुत मछलियां है , मछलियों को देखकर बच्चे बहुत खुश हो रहे थे। कुछ देर बैठने के बाद हम बोटिंग के तरफ गए। हमने मोटर वाली बोट ली, नर्मदा नदी में बोटिंग करने का अनुभव बहुत अच्छा रहा। बोटिंग करते वक्त किल्ला और घाटों का अद्भुत दृश्य दिखाई दे रहा था। बोटिंग करना सबको पसंद है हमें भी बहुत आनंद आया। नर्मदा नदी के बीच मैं एक शिव मंदिर है वहां तक हम बोट से गये और वहां दूर से दर्शन करके बोट हमें घाट पर वापस ले आई।

Boating in Narmada nadi

Boating in Narmada nadi
Boating in Narmada nadi

Boating in Narmada nadi

कुछ पल अहिल्या घाट पर


नर्मदा नदी का सुंदर दृश्य

Maheshwar Fort Tour-Ahilyabai Holkar ki Nagari

महेश्वर किल्ला और बॉलीवुड

     नर्मदा नदी के घाट पर महेश्वर किल्ले मे बहुत सारी बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग हुई है जैसे अभी पैडमैन फिल्म आई थी उसकी 70% शूटिंग इसी किल्ले में और घाट पर हुई थी। यमला पगला दीवाना, बाजीराव मस्तानी, नीरजा फिल्म का अंतिम दृश्य, सोनाक्षी सिन्हा की फिल्म तेवर ऐसे बहुत सारी फिल्मों  के कुछ भाग महेश्वर घाट पर फिल्माए गए हैं।

     TV धारावाहिक की भी शूटिंग यहां होती रहती है जैसे  झांसी की रानी, छोटी बहू,काल भैरव TV serial के कुछ शूटिंग यहां की गई है।
   वैसे यहा कुछ तमिल फिल्मों की भी शूटिंग की गई है।

    ....हम बोटिंग के बाद घाट पर घूमे, घाट पर बहुत सारे मंदिर है,वह देखने के बाद हम वापस पार्किंग की तरफ गये।

अहिल्या घाट के मंदिर
अहिल्या क्या घाट के मंदिर
Beautiful temple near Ahilya Ghat
अहिल्या घाट पर मंदिर



True Traveller in Maheshwar fort
True Traveller

Maheshwar Fort Tour-Ahilyabai Holkar ki Nagari


       इस तरह हमारा महेश्वर टूर समाप्त हुआ हम शाम को 7:00 बजे इंदौर वापस जाने के लिए निकले। रास्ते मैं बहुत सारे हॉटेल्स-ढाबे हैं। हमने एक restaurant मे डिनर किया और 10:00 बजे तक घर(इंदौर) पहुंचे।

Beautiful Maheshwar Fort

महेश्वर कैसे पहुंचे सेवा-

सड़क मार्ग-बडवाह, खंडवा,धार , इंदौर और धामनोद से महेश्वर के लिए बस सेवा उपलब्ध है। इंदौर से महेश्वर के लिए टेकसी कार से भी पहुंचा जा सकता है।

रेल मार्ग- इंदौर महेश्वर के सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन है, यह प्रमुख रेलवे स्टेशन होने के कारण यहां से रेल गाड़ियों की आवाजाही अधिक बेहतर है।

वायू मार्ग- इंदौर हवाई अड्डा महेश्वर के सबसे नज़दीक है। हवाई अड्डा से महेश्वर तक का सफर बस-टैक्सी से आराम से किया जा सकता है।
 महेश्वर घूमने के लिए सबसे अच्छा समय जुलाई से मार्च  तक का है।

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Wednesday, 26 September 2018

Maheshwar Fort tour- Ahilyabai Holkar ki Nagari Part-1

Maheshwar Fort Tour-Ahilyabai Holkar ki Nagari

Part-1
World tourism day special
MP tourist places
Beautiful Maheshwar Fort
Maheshwar-Ahilyabai Fort

Maheshwar Fort अहिल्याबाई होलकर की नगरी

   मध्यप्रदेश में वैसे तो बहुत पर्यटन स्थल प्रसिद्ध है। इसी कड़ी में ऐतिहासिक धरोहर महेश्वर का नाम जूड़ा है।
    हम ने इस संडे को महेश्वर घूमने का प्लान बनाया। हम सुबह ही महेश्वर के लिए निकले, क्योंकि हमें उसी श्याम को लौटना था। इंदौर से महेश्वर पास है, हम 2 घंटे में महेश्वर पहुंचे
Maheshwar fort ki khidkiya-jharokhe
Beautiful Jharoke in Maheshwar fort

Maheshwar Fort अहिल्याबाई होलकर की नगरी

      महेश्वर शहर मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में बसा हुआ है। यहां साल भर पर्यटक आते हैं, पर महेश्वर मैं घूमने का सबसे अच्छा समय सर्दियों में होता है। यहां देश-विदेश के पर्यटक महेश्वर का किला देखने आते हैं। नर्मदा नदी के किनारे पर महेश्वर क़िले का दृश्य अद्भुत दिखता है।
Chatri of vithoji temple in Maheshwar fort
Chhatri of Vithoji
    इंदौर से महेश्वर 95km की दूरी पर है। यहां पूरा दिन बिताने की बहुत ही अच्छी जगह है। महेश्वर में अहिल्याबाई का किला मुख्य आकर्षण का केंद्र है। महेश्वर की महेश्वरी साड़ियां विश्व प्रसिद्ध है। महेश्वर इंदौर से नजदीक होने के कारण 1 दिन के family picnic के लिए बहुत बढ़िया जगह है।
Beautiful jharoka in Maheshwar Fort

Maheshwar Fort अहिल्याबाई होलकर की नगरी


महेश्वर का इतिहास

    महेश्वर का इतिहास 2500 साल पुराना है। महेश्वर शहर को माहिष्मती नाम से भी जाना जाता है। महेश्वर का रामायण और महाभारत में उल्लेख मिलता है। पुराणों के  अनुसार महेश्वर हैहवंशीय राजा सहस्त्रार्जुन की राजधानी थी, जिसने रावण को पराजित किया था। कालांतर के बाद यह शहर होलकर वंश की महारानी देवी अहिल्याबाई होलकर की राजधानी रहा है। यह शहर आजादी के पहले मराठा शासक होलकर का राज्य इंदौर की राजधानी रहा है। नर्मदा नदी के तट पर बने हुए सुंदर घाट देवी अहिल्याबाई के कालखंड में बने हुए हैं। इस प्राचीन शहर का नाम भगवान शिव के महेश्वर नाम पर पड़ा हुआ है।

Beautiful Ahilyabai fort pic with family
Ahilya Fort

Maheshwar Fort अहिल्याबाई होलकर की नगरी


   नर्मदा नदी के उत्तरी तट पर बसा महेश्वर शहर अद्भुत ऐतिहासिक सांस्कृतिक कला का संगम है।   महेश्वर में अहिल्या बाई का किला देख कर हम आश्चर्यचकित रह गए , इसे अहिल्या फोर्ट कहा जाता है। इस की स्थापत्य कला बहुत अद्भुत, बेमीसाल, अद्वीतीय  है। नर्मदा नदी के घाट पर बहुत सारे शिव जी के गणेश जी के मंदिर है। जैसे कालेश्वर, राजराजेश्वर,अहीलेश्वर, विठ्ठलेश्वर मंदिर है। नर्मदा नदी में घाट का बहुत सुंदर प्रतिबिंब दिखता है। नर्मदा नदी को बहुत पवित्र नदी माना जाता है। इस घाट पर बहुत सारे लोग नदी में स्नान करते हुए दिख जाएंगे, यहां हर पूर्णिमा में नर्मदा स्नान का विशेष महत्व है। यहां बोटिंग का मजा भी लिया जा सकता है।

    महेश्वर पहुंचने के बाद हम सबसे पहले क़िला देखने गए। नर्मदा नदी के घाट से लग कर ही क़िले की सीढ़ियां है। सीढिओ से ऊपर जाते हुए किले के बाहर छोटे छोटे जालीदार खिड़कियां-झरोखे बहुत ही सुंदर है। इस खिड़कियों में बैठ कर पर्यटक फोटो खींचते हैं। हमने भी खूब फोटो निकालें।

Maheshwar Fort अहिल्याबाई होलकर की नगरी


    फिर हम मुख्य प्रवेश द्वार से क़िले के अंदर गए। किले का दक्षिण मुखी मुख्य प्रवेश द्वार नर्मदा नदी की ओर खुलता है। मुख्य किले के अंदर अहीलेश्वर मंदिर सर्वाधिक दर्शनीय है। इस मंदिर में राम जानकी मंदिर है। इस मंदिर की स्थापत्य कला लाजवाब है। इस मंदिर के सामने राजराजेश्वर मंदिर है। यह मंदिर छत्री के आकार का बना हुआ है।
Ahilya Fort me janeka marg

    किले के अंदर ऊपर जाने वाली सीढ़ियां है, यहां से उपर जाते हुए सहस्त्रार्जुन मंदिर है।सहस्त्रार्जुन मंदिर का पुनर्निर्माण देवी अहिल्या ने करवाया था। इस मंदिर में भगवान सहस्त्रार्जुन के मूर्ति के साथ शिव लिंग स्थापित किया गया है। इस मंदिर की खासियत है की यहां 11 दिये हमेशा जलते रहते हैं, पर कब से जल रहे हैं किसी को मालूम नहीं है। यह सुनकर हमें भी आश्चर्य हुआ। परिसर में राम जानकी, सूर्य,शिवजी के मंदिर है। यहां आने के बाद आत्मिक शांति की अनुभूति होती है।

Sahastrarjun mandir ki photo
Sahastrarjun mandir

Sahastrarjun mandir with nandi

Maheshwar Fort अहिल्याबाई होलकर की नगरी


   मंदिर के दर्शन करने के बाद हम आगे बढ़ने लगे। ऊपर जाते हूए पत्थरों से बने हुए सीढ़ी नुमा रास्ते में चलने लगे। यह रास्ता देवी अहिल्या की राजगादी की और जाता है। यह दो मंजिला भवन है , यहां अहिल्याबाई रहती थी। अब यहां नीचे के भवन में पर्यटको के लिए म्यूजियम बना हुआ है।म्यूजियम मे  तलवार,भाले,पगड़ी आदि को देखा जा सकता है। यहां सफेद गद्दी पर अहिल्याबाई की फोटो रखी हुई है। इसी स्थान पर अहिल्याबाई की राजकीय बैठक थी। भवन के बाहर देवी अहिल्या बाई की पालकी रखी हुई हैं।

Ahilyabai ki Palkhi photo
Ahilyabai ki Palkhi
   रानी अहिल्याबाई शिव भक्त थी। उनके राज गादी के समीप ही उनका पूजन कक्ष है। इस पूजन कक्ष में छोटे से लेकर बड़े तक शिव लिंग दिखाई देंगे। यहां स्वर्ण झूलेमे राधा कृष्ण की प्रतिमा है। इस पूजन कक्ष में जाना मना है। बाहर से जाली लगी है उसी में से हम यह दृश्य देख सकते हैं। इस राज गादी भवन परिसर में आजू बाजू बहुत हरियाली है इसी के प्रांगण में देवी अहिल्या बाई की बहुत बड़ी मूर्ति स्थापित की हुई हैं।यह मूर्ति धातु से बनी हुई है।हाथ में शिवलिंग लेके खड़ी अत्यंत साधारण वेशभूषा में यह मूर्ति का स्वरूप बहुत ही सौम्य है।

Ahilyabai Holkar ki badi murti
Ahilyabai Holkar ki badi murti


Maheshwar Fort अहिल्याबाई होलकर की नगरी


  इस तरह हमारा यहां तक का सफर बहुत अच्छा रहा, महेश्वर tour के लेख के भाग 2  में देवी अहिल्याबाई के बारे में बताऊंगी। इसी तरह मेरा लेख पढ़ते रहिए और ट्रैवल करते रहिए। धन्यवाद।


Happy World Tourism day

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