अहिल्याबाई एक महान शासक और मालवा प्रांत की महारानी थी। लोग उन्हें राजमाता अहिल्याबाई होलकर के नाम से भी संबोधन देते हैं।
उनका जन्म सन 1725 में हुआ। उनका विवाह सूबेदार मल्हारराव होलकर के पुत्र खंडेराव के साथ हुआ था, जब वह 10-12 साल की थी। 29 साल की आयु में ही विधवा हो गई। जब वह 42 43 साल की थी तब उनका पुत्र मालेराव का निधन हो गया। तब
अहिल्याबाई मालवा प्रांत की शासक बन गई। रानी अहिल्याबाई ने अपनी राजधानी महेश्वर को बनाया। उन्होंने नर्मदा नदी के किनारे आठरावीं शताब्दी का बेहतरीन आलीशान महल बनवाया। इसे अहिल्या फोर्ट कहा जाता हैं। यहां राजधानी की पहचान बनी
textile industry, यहां बनने वाली
महेश्वरी साड़ी भारत भर में प्रसिद्ध है। उस दौरान
महेश्वर साहित्य,संगीत,कला का गढ़ बन गया था।
रानी अहिल्याबाई हर रोज अपनी प्रजा से बात करती थी।
उन्होंने इंदौर को एक छोटे से गांव से समृद्ध और सजिव शहर बनाया। रानी अहिल्याबाई को एक बुद्धिमान तीक्ष्न सोच और स्वस्फुर्त शासक के तौर पर याद किया जाता है। उन्होंने कई मंदिरों का जीर्णोद्धार किया। हिमालय से लेकर दक्षिण भारत के कोने-कोने तक के मंदिरों का जीर्णोद्धार किया इस पर खूब पैसा खर्च किया।
अहिल्याबाई ने गरीबों के लिए,विधवाओं की मदद करके समाज सेवा करती थी। अहिल्याबाई मातृत्व शक्ति का प्रतिक रही है।
देवी अहिल्याबाई ने अपनी सारी कठिनाइयों पर विजय पाकर एक महान शासक बनी।
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Beautiful scenery of Maheshwar Fort |
Maheshwar Fort Tour-Ahilyabai Holkar ki Nagari
इस तरह हम
अहिल्याबाई का राजवाड़ा देखने के बाद वापस सीढ़ियो से जाने लगे।
महेश्वरी साड़ी
सीढ़ियां उतरते समय बाई ओर एक इमारत में हैंडलूम कारखाना है। इस कारखाने में
महेश्वरी साड़ियां बनाई जाती है। जिसमें बहुत सारे कारागीर काम करते हुए दिखाई देते हैं।
अहिल्याबाई ने यहां वस्त्र निर्माण का कार्य चालू किया था तब से यह कार्य अविरत चालू है। यह हैंडलूम कारखाना शाम को6:00 बजे तक चालू रहता है। यहां बहुत लोगों का रोजगार इस वस्त्र निर्माण उद्योग पर है।
महेश्वरी साड़ियों की कारीगिरी बहुत ही सुंदर अप्रतिम होती है। आज भी यहां बनने वाली
महेश्वरी साड़ियां व अन्य वस्त्र अपने प्राचीन स्वरूप में उसी पद्धति से निर्मित किए जाते हैं।
महेश्वरी साड़ियां पूरे भारत देश में प्रसिद्ध है।
Maheshwar Fort Tour-Ahilyabai Holkar ki Nagari
पुराना दौर चला गया, राज राजवाड़ा चले गए, सब कुछ बदल गया पर आज भी
महेश्वर किल्ला अपने पूरी शान से
नर्मदा नदी के किनारे खड़ा है, ना कोई किल्ले की टूट-फूट, ना कोई क्षति आज भी
महेश्वर किल्ला नया दिखता है।
हेरीटेज होटल
इस किले के अंदर
रॉयल हेरीटेज होटल बनाया गया है। अहिल्याबाई के वंशज इस होटल को चलाते हैं। होटल में 13 कमरे बने हैं और २ रॉयल सूट है जिस में प्राइवेट बालकनी बनी उसमें से
नर्मदा नदी और महेश्वर का सुंदर नजारा दिखता है। होटल के कमरे ऐसे बनाए गए हैं की
नर्मदा नदी की खूबसूरती दिखाई देती है।
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Narmada river |
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श्याम के समय नर्मदा नदी का सुंदर दृश्य |
Maheshwar Fort Tour-Ahilyabai Holkar ki Nagari
महेश्वर किल्ला देखने के बाद हम
नर्मदा नदी के किनारे
अहिल्या घाट पर आए। बच्चों को भूख लग गई थी, किल्लले के बाहर छोटी-छोटी दुकानें लगी थी,वहीं से हमने कुछ स्नैक्स लिए, कुछ स्नैक्स हमारे पास थे वही खाते हुए हम
नदी में पैर डालकर थंडे-थंडे पानी का आनंद लें रहे थे। थंडे बहते पानी में पैर डालकर बैठना बहुत अच्छा और सुकून भरा एहसास था।
नदी में बहुत मछलियां है , मछलियों को देखकर बच्चे बहुत खुश हो रहे थे। कुछ देर बैठने के बाद हम
बोटिंग के तरफ गए। हमने मोटर वाली बोट ली,
नर्मदा नदी में बोटिंग करने का अनुभव बहुत अच्छा रहा।
बोटिंग करते वक्त
किल्ला और घाटों का अद्भुत दृश्य दिखाई दे रहा था।
बोटिंग करना सबको पसंद है हमें भी बहुत आनंद आया।
नर्मदा नदी के बीच मैं एक शिव मंदिर है वहां तक हम बोट से गये और वहां दूर से दर्शन करके बोट हमें घाट पर वापस ले आई।
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Boating in Narmada nadi |
Maheshwar Fort Tour-Ahilyabai Holkar ki Nagari
महेश्वर किल्ला और बॉलीवुड
नर्मदा नदी के घाट पर
महेश्वर किल्ले मे बहुत सारी
बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग हुई है जैसे अभी
पैडमैन फिल्म आई थी उसकी 70% शूटिंग इसी किल्ले में और घाट पर हुई थी।
यमला पगला दीवाना, बाजीराव मस्तानी, नीरजा फिल्म का अंतिम दृश्य, सोनाक्षी सिन्हा की फिल्म तेवर ऐसे बहुत सारी फिल्मों के कुछ भाग महेश्वर घाट पर फिल्माए गए हैं।
TV धारावाहिक की भी शूटिंग यहां होती रहती है जैसे
झांसी की रानी, छोटी बहू,काल भैरव TV serial के कुछ शूटिंग यहां की गई है।
वैसे यहा कुछ
तमिल फिल्मों की भी शूटिंग की गई है।
....हम
बोटिंग के बाद घाट पर घूमे, घाट पर बहुत सारे मंदिर है,वह देखने के बाद हम वापस पार्किंग की तरफ गये।
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अहिल्या क्या घाट के मंदिर |
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अहिल्या घाट पर मंदिर |
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True Traveller |
Maheshwar Fort Tour-Ahilyabai Holkar ki Nagari
इस तरह हमारा महेश्वर टूर समाप्त हुआ हम शाम को 7:00 बजे इंदौर वापस जाने के लिए निकले। रास्ते मैं बहुत सारे हॉटेल्स-ढाबे हैं। हमने एक restaurant मे डिनर किया और 10:00 बजे तक घर(इंदौर) पहुंचे।
महेश्वर कैसे पहुंचे सेवा-
सड़क मार्ग-बडवाह, खंडवा,धार , इंदौर और धामनोद से महेश्वर के लिए बस सेवा उपलब्ध है। इंदौर से महेश्वर के लिए टेकसी कार से भी पहुंचा जा सकता है।
रेल मार्ग- इंदौर महेश्वर के सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन है, यह प्रमुख रेलवे स्टेशन होने के कारण यहां से रेल गाड़ियों की आवाजाही अधिक बेहतर है।
वायू मार्ग- इंदौर हवाई अड्डा महेश्वर के सबसे नज़दीक है। हवाई अड्डा से महेश्वर तक का सफर बस-टैक्सी से आराम से किया जा सकता है।
महेश्वर घूमने के लिए सबसे अच्छा समय जुलाई से मार्च तक का है।
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